एक बात याद रखो बस, अन्तःकरण का सम्बन्ध भगवान से और गुरु से हो. केवल सिर को पैर पर रख देने से काम नहीं बनेगा,आरती कर लेने से काम नहीं बनेगा,दक्षिणा दे देने से काम नहीं बनेगा. ये सब हेल्पर है. तुम्हारे पास जो कुछ है दो,सब ठीक है. सर्व समर्पण करना है गुरु को ,भगवान को, लेकिन इतने मात्र से काम नही बनेगा. 'अनुराग' सबसे प्रमुख है ,अन्तःकरण से प्यार.
Remember one thing that the relation of your Heart should be with God and Guru. Only Bowing your head to Guru's Lotus Feet ,only Doing Aarti will not do the work ,only Giving Donation will not serve the purpose .They all are helpers. Whatever you have you should give as we have to dedicate everything to Guru and God, but doing this only will not serve our purpose of God Realization. The main thing is Love for God from your heart, Love from the Heart.
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